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आयुर्वेदिक में माइग्रेन का इलाज कैसे करे!

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आयुर्वेद में माइग्रेन का इलाज उपायों की समग्र देखभाल और शारीरिक, मानसिक दोनों प्रकार से संतुलित जीवनशैली को ध्यान में रखता है। यहाँ कुछ आयुर्वेदिक सुझाव दिए जा रहे हैं, लेकिन किसी भी नई चिकित्सा योजना को अपनाने से पहले किसी वैद्य या चिकित्सक से परामर्श करना हमेशा अच्छा रहता है: आयुर्वेदिक द्रव्ये:  ब्राह्मी, शंखपुष्पी और जटामांसी का सेवन माइग्रेन को कम करने में मदद कर सकता है। नस्या थेरेपी:  नस्या थेरेपी में नशीले द्रव्यों को नाक के माध्यम से दिया जाता है। यह माइग्रेन के लिए एक प्रभावी उपाय हो सकता है। आहार और पेय:  पाचन सिस्टम को सुधारने के लिए सामग्री का चयन अत्यंत महत्वपूर्ण है। अधिक तली हुई, तीखी, और तीव्र भोजन से बचें। हरी सब्जियों और फलों का सेवन बढ़ाएं। योग और प्राणायाम:  योग और प्राणायाम माइग्रेन को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। निद्रा और ध्यान भी फायदेमंद हो सकते हैं। मसाज:  सिर और गर्दन की मालिश अंधीरे कमरे में सर्दी के तेल से करने से लाभ हो सकता है। विश्राम और नींद:  पर्याप्त आराम और नींद लेना माइग्रेन को कम करने में मदद कर सकता है। आयुर्वेदिक औषधियाँ:  शिरोधारा, नस्या