महर्षि चरक के जीवन का परिचय | Biography Of Acharya Charak In Hindi

महर्षि चरक भारतीय चिकित्सा विज्ञान के लीडर थे। उन्होंने अपने जीवनकाल में चरक संहिता नामक एक आयुर्वेदिक ग्रंथ लिखा था जो आज भी पूरी दुनिया करती है। इस पुस्तक में कारण, लक्षण, उपचार और बचाव के लिए बहुत से उपाय बताए गए हैं। चरक संहिता के अनुसार रोगों के उपचार में औषधियों के साथ-साथ आहार और व्यायाम का भी बहुत विस्थार से बताया गया है।

ग्रंथ चरक संहिता

महर्षि चरक का जन्म भारत के जम्मू और कश्मीर में हुआ था। उन्होंने आयुर्वेदिक चिकित्सा के अलग अलग पहलुओं का अध्ययन किया और इन सभी अध्ययन को  उन्हें अपनी संहिता ग्रंथ में शामिल किया।

महर्षि चरक की संहिता ग्रंथ भारतीय चिकित्सा इतिहास का एक महत्वपूर्ण अंग है। यह पुस्तक अभी भी चिकित्सा भारत के बहुत से क्षेत्र में व्यापक रूप से उपयोग की जाती है। 

चरक संहिता में कुछ औषधियां आज भी लोग आयुर्वेदिक औषधि के रूप में प्रयोग में लेते हैं। और  इसके अलावा महर्षि चरक ने साफ-सफाई और स्वस्थ रहने के बहुत से तरीकों का वर्णन किया गया हैं।

चरक भारतीय आयुर्वेद के महान वैद्य थे।  चरक आयुर्वेद के तीन महान संहिताओं में से एक चरक संहिता के लेखक हैं। इसमें चरक ने आयुर्वेद के उपयोग, रोगों के कारण, उनके लक्षण और उपचारों के बारे में विस्तार से बताया हैं।

चरक संहिता में आयुर्वेद के उपयोग को विस्तार से बताया गया है। इसमें वे विभिन्न वनस्पतियों, खाद्य पदार्थों और अन्य प्राकृतिक तत्वों के फायदों के बारे में बताया गया हैं।

चरक ने अपनी संहिता में रोगों के उपचार के लिए कई औषधियों का विकास किया था | उन्होंने जड़ी-बूटियों, पौधों और अन्य प्राकृतिक तत्वों से बनी औषधियों का उपयोग किया था। चरक संहिता  में आज भी इसका उल्लेख है | जिसमे बहुत सी बीमारियों से बचने के लिए उपचार के बारे में विस्थार से लिखा है | 

Maharishi Charak

चरक ने अपनी संहिता में विभिन्न रोगों के उपचार के बारे में बहुत अच्छे से बताया है। उन्होंने बताया है कि रोगो का उपचार दो तरह से किया जा सकता है - एक तो औषधि से और दूसरा परहेज और अच्छे आहार से। 

महर्षि चरक ने अपनी संहिता में बताते है कि व्यक्ति को स्वस्थ रखने के लिए अपने आहार में शुद्ध घी, शुद्ध हल्दी, आदि जड़ी बूटियों का उपयोग करना चाहिए।

महर्षि चरक ने अनेक रोगों के उपचार के बारे में बताया है। जैसे कि जोड़ों का दर्द, आँखों की समस्या, दांतों की समस्या, मधुमेह, अस्थमा, रक्तचाप, गुर्दे की समस्या, पेट से सम्बंधित रोग, हृदय रोग, कैंसर, टीबी के रोग, कामुख सक्ति, बवासीर, आदि।

चरक ने इन रोगों के उपचार के लिए विभिन्न घरेलू औषधियों का उपयोग करके जिसमे जड़ी बूटियों से बनी दवा होती है । वे अपनी संहिता में बताते हैं कि ये उपचार बहुत ही प्रभावी होते हैं और लंबे समय तक स्वस्थ रहने में मदद करते हैं। जिससे आप जलदी से स्व्स्थ हो जाते है | 

महर्षि चरक के ओषधियो का विकास 

इसके साथ ही चरक ने अपनी संहिता में कई औषधियों का विकास का वरणन किया है, जो आज भी आयुर्वेदिक चिकित्सा में उपयोग किए जाते हैं। कुछ ऐसे विशेष अविष्कार जिन्हें चरक ने किया था उनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:

1. शल्य चिकित्सा: महर्षि चरक ने शल्य चिकित्सा का अविष्कार किया और नई तकनीकों का विकास किया जो आज भी चिकित्सा में उपयोग किए जाते हैं।

2. रस चिकित्सा: चरक ने रस चिकित्सा का विकास किया| यह पारा और गंधक के साथ कामुख औषधियों के योग से बनने वाली दवाओं को रसौषधि कहते हैं। रसौषधियों से रोगों की चिकित्‍सा को रस चिकित्‍सा कहा जाता है | 

3. स्वस्थ जीवनशैली: चरक ने स्वस्थ जीवनशैली के बारे में भी विस्तार से बताया था। इसका मतलब यह होता है कि स्वस्थ आहार, अच्छा खान पान आदतों का पालन करना, रोज सुबह व्यायाम करना और रात में पूरी नींद लेने के लिए समय निकालना। और पूरी तरह से निरोगी जीवन जीने के लिए स्वस्थ जीवन शैली का पालन करना बहुत ज़रूरी है।

4. पांच महाभूत: चरक ने पांच महाभूतों  जिसमे  (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश) शामिल है | इसके आधार पर आयुर्वेद का विकास किया था जो अब भी बहुत उपयोगी है।

स्वस्थ रहने के टिप्स

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महर्षि चरक ने अपनी इस ग्रंथ में कई बीमारियों से या स्वस्थ रहने के लिए कई तोर तरीको का वर्णन किया है |  

नियमित रूप से व्यायाम: नियमित रूप से व्यायाम आपके शरीर का मेटाबॉलिज्म तेज होता है जो आपको फिट और स्वस्थ रखता है। नियमित व्यायाम को आपको हर रोज़ सुबह जल्दी उठकर करना चाहिए। 

सही आहार: सही आहार लेना आपके शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और रोगों से बचाता है। आपको फल, सब्जियां, अनाज, दूध आदि को एक सही आहार के रूप में लेना चाहिए | 

लेकिन आज कल का आहार बहुत बदल गया है | आज की जेनरेशन को देखा जाए तो लोग घर का खाना खाने की जगह बाहर का खाने को ज़यादा पसंद करते है. जिसमे बर्गर, पिज़्ज़ा, समोसे और बहुत सी तली हुई चीज़े शामिम है|

चरक संहिता के अनुसार यह सब चीज़े खाने से बॉडी में मेटाबोलिज़म की मात्रा कम हो जाती है | जिसके कारण हमारा शरीर जल्दी से बीमारियों के पकड़ में आ जाता है | इस लिए अभी के लोगो में पहले के लोगो से ज़यादा बीमारियों से गृहस्थ है |   

पूरी नींद: अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त नींद बहुत ज़रूरी है। समय पर सोएं और अपनी नींद की अवधि पर ध्यान दें। चरक संहिता के अनुसार रोजाना रात में  6-8 घंटे की नींद प्राप्त करना चाहिए । इसमें एक दिन भी होने वाली नींद की कमी से आपके संपूर्ण स्वास्थ्य पर असर डाल सकती है। 


तंबाकू और शराब का प्रयोग न करे: तंबाकू और शराब उत्पादों का सेवन सेहत के लिए हानिकारक होता है। इसलिए, तंबाकू और शराब छोड़ें स्वस्थ रहें।

हाइड्रेशन: अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखना बहुत जरूरी है। आपको दिन भर में पर्याप्त पानी पीना चाहिए और नारियल पानी, नींबू पानी, शरबत आदि भी पी सकते हैं। इससे आपका शरीर हाइड्रेटेड होता रहेगा और आप बीमारियों से बचे रहेंगे |

स्ट्रेस कम करें: आज कल भागदोड़ वाली ज़िंदगी में स्ट्रेस सबसे बड़ी प्रॉब्लम है| अधिक स्ट्रेस आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। इसलिए, ज़यादा किसी चीज़ के बारे में न सोचे, और स्ट्रेस कम करने पर ध्यान दें।

निष्कर्ष

चरक संहिता आयुर्वेदिक चिकित्सा की एक ऐसा ग्रंथ है जो हमें यह बताता है कि अगर हम सही तरीके से खाने-पीने का ध्यान रखते हैं तो हमें बीमारियों से बचाव में मदद मिल सकती है | इसमें रोगों के उपचार के लिए जड़ी बूटियों का उपयोग करने का तरीका बताया गया है। इसमें प्राणायाम करने की सलाह दी जाती है जो कि हमारी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ाते हैं।

































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