योग और प्राणायाम के अभ्यास से मन और शरीर का संतुलन कैसे प्राप्त करें? How to achieve a balance between mind and body by practicing yoga and pranayama?

योग और प्राणायाम के अभ्यास से मन और शरीर का संतुलन बहुत आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। योग के द्वारा शरीर को सही ढंग से फिट रखा जा सकता है और प्राणायाम के द्वारा मन को शांत रखा जा सकता है। वर्तमान में योग हमारी आवश्यकता बन गई है। 

योग और प्राणायाम के अभ्यास से शरीर का खूबसूरत आकार बना रहता है और उसमें त्वचा और मांसपेशियां अच्छी रहती हैं। प्राणायाम के अभ्यास से श्वसन तंत्र सही ढंग से काम करता है और शरीर को ताकत देता है। बल्कि योग एक ऐसी विद्या है जो मनुष्य को एक ही अवस्था में घंटो तक काम करने की क्षमता बनाये रखता है। 

इसके अलावा, योग और प्राणायाम के अभ्यास से मन को शांत रखा जा सकता है। योग के अभ्यास से मानसिक तनाव को दूर करके मन को शांति मिलती है योग से शारीरिक और मानसिक एकाग्रता बढ़ती है। योग और प्राणायाम के अभ्यास करने से बीमारियों से बचाव होता है और शरीर को एक अच्छी सेहत मिलती है।

मन और शरीर का संतुलन करने के लिए कुछ आसान उपाए 



Meditation


ध्यान का कोई भी धर्म नहीं होता है और इसको किसी भी विचारधारा को मानने वाले इसका अभ्यास कर सकते हैं। ध्यान के अभ्यास से मन और हमारा शरीर फिट रहता है। ध्यान करने से मन शांत होता है जिससे शरीर की तनावमुक्ति होती है और संतुलित होता है। देखा जाए तो मैडिटेशन हमारी सभी इच्छा को पूरा करता है | रात को हमें नींद तभी आती है जब हमारा दिमाग शांत रहता है |

ध्यान आपको सभी कामो में केंद्रित करता है | ध्यान से लाभ लेने के लिए नियमित अभ्यास बहुत ज़रूरी है। प्रतिदिन में यह कुछ ही समय लेता है। ध्यान एक बीज की तरह है। जब आप बीज को प्यार से विकसित करते हैं तो वह उतना ही खिलता जाता है जितना आप उसको खिलाते है | 

ध्यान से लाभ से आपको कंशनट्रेशन शक्ति बढ़ती है और आपका दिमाग पड़ने में ज़यादा लगेगा | इस मैडिटेशन तकनीक से आपको डिसिशन लेने में मदद मिलती है | ध्यान से हमें में आत्मविश्वाश और आत्मजागर्ता बढ़ती है | 

आत्मविश्वाश और आत्मजागर्ता को बढ़ाने के लिए प्रतिदिन हमें 10 से 20 min तक 1,2 महीने तक करना होता है और इस समय को धीरे धीरे बढ़ाये | फिर आपको अपने आप में नतीजा देखने को मिल जाएगा |  


2. आर्गेनिक भोजन लेकर शरीर को स्वस्थ रखें


आयुर्वेद में विस्थार से वर्णन किया गया है की आर्गेनिक भोजन खाकर आप अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं। आर्गेनिक भोजन में केमिकल नहीं होते हैं जो कि साधारण भोजन में पाए जाते हैं। इसलिए, आप एक स्वस्थ और प्राकृतिक जीवन जीने के लिए आर्गेनिक भोजन की ओर अपना ध्यान देने की कोशिश करें।

3. योगाभ्यास से मानसिक तनाव को दूर करें

टेंशन/स्ट्रेस आज के समय की बहुत बड़ी समस्या है। आमतोर पर देखा जाता है की हर दूसरा आदमी किसी न की टेंशन में रहता है | ये टेंशन घर-परिवार से या किसी कारोबार-नौकरी को लेकर या किसी रिलेशनशिप से जुड़ी हुई हो सकती है।

टेंशन के होने और कारोबार में बहुत व्यस्त होने से वह अपना समय योगभ्यास को नहीं दे पाता है | इस तरह से वह बहुत सी दिमागी बीमारियों का शिकार हो जाता है | इस लिए आपके जीवन में योगभ्यास बहुत महत्वपूर्ण है | 

योगाभ्यास के सही तरीके से करने से शरीर को थकावट कम होती है, साथ ही साथ मानसिक तनाव भी कम होता है। इन योगाभ्यास को करने से मानसिक चंगा और सुखद बनता है और तनाव और चिंता को दूर करने में मदद मिलती है। और शरीर सवस्थ रहता है 


4. प्रकृति से जुड़े गतिविधियों का आनंद उठाएं


महर्षि चरक के आर्युर्वेद ग्रंथ में विस्थार से वर्णन किया गया है की प्रकृति हमें जो भी प्रदान करती है उसका हमें पूरा आनंद उठाना चाहिए | और इंसान को प्रकृति से जुड़े रहना बहुत आवश्यक है क्यो की हमारा शरीर इन  प्रकृति के पंचभूत से मिलकर बना हुआ है | जब जब इंसान इन पंचभूतों से दूर हुआ है | तब उसको कठनाईयो का सहमना करना पड़ता है और असवस्थ रहता है जिससे इंसान की आयु कम हो रही है | 

इस लिए यह आवश्यक है की हमें इन प्रकृति से जुड़े गतिविधियों का आनंद उठाएं और हमें प्रकृति या नेचर ने जो भी दिया है उसका हम भरपूर उपयोग करे | 


















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